Badami Cave भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में बादामी की गुफाएँ एक विशिष्ट स्थान रखती हैं। कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में पड़ते हुए, यह गुफा परिसर भारतीय शिल्पकला, वास्तुकला और धार्मिक इतिहास का एक शानदार उदाहरण है। चट्टानों को काटकर बनाई गई ये गुफाएँ 6वीं से 8वीं शताब्दी के मध्य रची गई थीं और यहाँ हिंदू एवं जैन धर्म के मंदिर स्थापित हैं। आइए, इस ऐतिहासिक धरोहर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Badami Cave बादामी गुफाओं का इतिहास
बादामी (पहले वातापी कहा जाता था) चालुक्य वंश की राजधानी थी। गुफाओं का निर्माण राजा पुलकेशिन प्रथम (543–566 ईस्वी) ने करवाया था। यह स्थान चालुक्य शासकों के शासनकाल में कला और धर्म का मुख्य केंद्र था। बाद में, राष्ट्रकूट और होयसल शासकों ने भी इस स्थान को संरक्षित किया।
Amrutesvara Temple | अमृतेश्वर मंदिर
बादामी गुफाओं की वास्तुकला
बादामी की गुफाएँ चार प्रमुख गुफाओं में विभाजित हैं, जिनमें से तीन हिंदू देवी-देवताओं के लिए समर्पित हैं और एक जैन धर्म से जुड़ा है।
- (भगवान शिव) गुफा 1 – यह सबसे बारह्र वृद्ध गुफा है, जिसमें 18-भुजाओं वाले नटराज शिव की प्रतिमा है।
- (भगवान विष्णु) गुफा 2 – यहाँ विष्णु के वराह और त्रिविक्रम अवतार की प्रतिमाएं हैं।
- (विष्णु के विभिन्न रूप) गुफा 3– यह गुफा सबसे बड़ी है, जिसमें विष्णु के नरसिंह, वामन और हरिहर रूप देखे जाते हैं।
- (जैन तीर्थंकर) गुफा 4 – यहाँ जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- इन गुफाओं की दीवारों पर अप्सराओं, देवताओं और पौराणिक कथाओं की नक्काशी की गई है, जो भारतीय कला का उत्कृष्ट नमूना है।
- बादामी के आसपास के पर्यटन स्थल
बादामी के गुफाओं के बावजूद, यहाँ और भी आकर्षक स्थान हैं: - भूतनाथ मंदिर – एक प्राचीन शिव मंदिर जो बादामी झील के पास स्थित हैं।
- पट्टाडकल (UNESCO विश्व धरोहर) – यहाँ 7वीं-8वीं शताब्दी के मंदिर हैं, जो बादामी से 22 किमी दूर स्थित हैं।
- ऐहोल (मंदिरों का शहर) – यह प्राचीन जगह बादामी से 35 किमी दूर स्थित है और इसमें 100 से अधिक मंदिर हैं।
- बादामी किला – गुफाओं पर बैठा यह किला शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
बैंगलोर से बादामी की दूरी और बादामी तक पहुँचने का सबसे आसान रास्ता
- Distance: बादामी लगभग 500 किलोमीटर दूर बैंगलोर से है।
- Rail route: सीधी कनेक्टिविटी है बादामी रेलवे स्टेशन से। कर्नाटक एक्सप्रेस और हुबली-बैंगलोर ट्रेनें यहाँ से चलती हैं।
- Road route: NH48 और NH50 के रास्ते कार या बस से बैंगलोर से 8-9 घंटे में पहुँच जाता है।
- Flight route: निकटतम हवाई अड्डा हुबली (140 किमी) या बेलगावी (150 किमी) है।
- बादामी गुफाओं का विस्तृत इतिहास
चालुक्य वंश की राजधानी: 6वीं शताब्दी में बादामी (तत्कालीन वातापी) चालुक्य साम्राज्य की शक्ति का केंद्र था - वास्तुशिल्प की तीन पीढ़ियाँ: गुफाओं के निर्माण में तीन चरण देखे जा सकते हैं – प्रारंभिक चालुक्य, मध्यकालीन और परवर्ती काल
- धार्मिक सहिष्णुता: एक ही परिसर में हिंदू (शैव और वैष्णव) और जैन गुफाओं का होना चालुक्यों की धार्मिक उदारता को दर्शाता है
- महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ:
- पुलकेशिन II और हर्षवर्धन का युद्ध
- पल्लवों के साथ कलह
- राष्ट्रकूटों के द्वारा अभिग्रहण