Ahobilam Temple अहोबिलम नौ नरसिंह मंदिरों का दिव्य संगम

Ahobilam भारत एक ऐसा देश है, जहाँ कदम-कदम पर आपको आस्था और आध्यात्मिकता की झलक मिलेगी। ऐसे ही एक दिव्य स्थान की आज हम बात करने वाले हैं – अहोबिलम, जो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। यह पवित्र स्थल भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के नौ अलग-अलग मंदिरों का अद्भुत संगम है। यदि आप प्रकृति, इतिहास और भक्ति के संगम का अनुभव करना चाहते हैं, तो अहोबिलम की यात्रा आपके लिए अविस्मरणीय साबित होगी।

Ahobilam

Ahobilam | अहोबिलम का आध्यात्मिक महत्व:

अहोबिलम का हर कण भगवान नरसिंह की महिमा से गूंज रहा है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहीं पर भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह का रौद्र रूप धारण करके हिरण्यकशिपु की हत्या की थी। नौ अलग-अलग मंदिरों में भगवान नरसिंह के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जो इस स्थान को और भी पवित्र और विशेष बनाते हैं।

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अहोबिलम के नौ नरसिंह मंदिर:

  • ज्वाला नरसिंह: ऊपरी अहोबिलम में स्थित, माना जाता है कि यहीं पर भगवान नरसिंह का क्रोध सबसे अधिक था।
  • अहोबिल नरसिंह: ऊपरी अहोबिलम का मुख्य मंदिर, जहाँ भगवान नरसिंह अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं।
  • माल्योवंत नरसिंह: ऊपरी अहोबिलम में एक ऊँचे शिखर पर स्थित, यहाँ से घाटी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
  • क्रोध करंज नरसिंह: ऊपरी अहोबिलम में एक घने जंगल में स्थित, यहाँ भगवान नरसिंह क्रोधित मुद्रा में हैं।
  • वरद नरसिंह: निचले अहोबिलम में स्थित, यहाँ भगवान नरसिंह वरदान देने की मुद्रा में हैं।
  • योगानंद नरसिंह: निचले अहोबिलम में स्थित, यहाँ भगवान नरसिंह योगासन में विराजमान हैं।
  • क्षत्रवट नरसिंह: निचले अहोबिलम में स्थित, यहाँ भगवान नरसिंह एक क्षत्रिय की तरह प्रस्तुत होते हैं।
  • पावन नरसिंह: ऊपरी अहोबिलम में एक गुफा में स्थित, जहां तक जाने के लिए थोड़ी चढ़ाई करनी होती है।
  • भार्गव नरसिंह: निचले अहोबिलम में एक पवित्र तालाब के किनारे पर स्थित, यह शांति और सौंदर्य है।

मंदिर की वास्तुकला

इस मंदिरों की वास्तुकला दक्षिण भारतीय वास्तुकला की भव्यता को प्रदर्शित करती है। पत्थरों पर की गई नक्काशी, ऊँचे गोपुरम और विशाल मंडप प्राचीन शिल्पकारों की उत्कृष्ट कला का प्रमाण दिखाते हैं। हर एक मंदिर की अपनी विशिष्टता होती है और यह उस विशेष रूप की कहानी कहता है जिसे वह समर्पित है।

अहोबिलम के आसपास के आकर्षण:

  • अहोबिलम के अतिरिक्त, आसपास भी कई दर्शनीय स्थान हैं जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं:
  • उग्र स्तंभम: ऊपरी अहोबिलम के निकट स्थित एक बहुत बड़ा खंभा, जिसका पौराणिक महत्व है। घाटी का अभूतपूर्व दृश्य यहाँ से दिखाई देता है।
  • प्रह्लाद मेत्ता: वह जगह जहां भक्त प्रह्लाद ने भगवान नरसिंह की प्रार्थना की थी।
  • चेन्चु लक्ष्मी मंदिर: निचले अहोबिलम में, यह मंदिर भगवान नरसिंह की पत्नी चेन्चु लक्ष्मी को समर्पित है।
  • महानंदी: अहोबिलम के लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर, यह भगवान शिव का एक विख्यात मंदिर है जहाँ बारहमासी पानी की धारा बहती है।
  • यागंती: अहोबिलम से केवल 70 किलोमीटर दूर, यहाँ भगवान उमा महेश्वर का एक अद्वितीय मंदिर है जहाँ नंदी की मूर्ति स्थान-स्थायी रूप से विकसित हो रही है।
बेंगलुरु से अहोबिलम की दूरी और पहुँचने के आसान तरीके:
  • बस द्वारा: अहोबिलम के लिए सीधी बसें बेंगलुरु से उपलब्ध हैं। आप कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) या निजी बस ऑपरेटरों की बसों में यात्रा कर सकते हैं। यह सबसे बजट विकल्पों में से एक है और इसमें लगभग 8-10 घंटे लग सकते हैं।
  • ट्रेन द्वारा: ट्रेनें कुरनूल के लिए बेंगलुरु से चलती हैं। अहोबिलम की दूरी कुरनूल से लगभग 70 किलोमीटर है, जिसे आप बस या टैक्सी किराए पर लेकर जा सकते हैं। ट्रेन में यात्रा में लगभग 6-8 घंटे लगते हैं और अहोबिलम तक कुरनूल पहुँचने में लगभग 2 घंटे और लग सकते हैं।
  • हवाई जहाज द्वारा: अहोबिलम के निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद (लगभग 220 किलोमीटर दूर) और बेंगलुरु है। हालाँकि, सीधी उड़ान कनेक्टिविटी अहोबिलम तक नहीं है। आपको हैदराबाद या बेंगलुरु पहुँचकर आगे की यात्रा बस या टैक्सी द्वारा करनी होगी। यह सबसे महंगा विकल्प है और इसमें समय भी अधिक लग सकता है।
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