Ramcharitmanas | रामचरितमानस
-गोस्वामी तुलसीदास जी की अमर कृति
Ramcharitmanas | रामचरितमानस
🌿 प्रस्तावना
श्री रामचरितमानस हिंदी साहित्य का उच्चतम ग्रंथ माना जाता है, जिसकी 16वीं शताब्दी में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचना की। यह अवधी भाषा में लिखित भगवान श्रीराम की जीवन कहानी पर आधारित एक महाकाव्य है, जो भक्ति, नीति, धर्म और आदर्श जीवन का सन्देश प्रदान करता है।
इस पुस्तक को “मानस” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह श्रीराम की कथा को मन के माध्यम से (मन-ही-मन) प्रस्तुत करता है। इसमें 7 काण्ड (खंड) हैं, जो रामायण की पूरी कथा को विस्तार से बताते हैं।

📜 Ramcharitmanas श्री रामचरितमानस के सात काण्ड
- बाल काण्ड
भगवान राम का अवतार, उनका बचपन और शिक्षा।
विश्वामित्र के साथ वन गमन, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार।
सीता स्वयंवर और राम-सीता विवाह।
📖 प्रमुख संदेश: “धर्म की स्थापना के लिए देवता भी अवतार लेते हैं।”
- अयोध्या काण्ड
राम का वनवास, दशरथ का दुःख और मृत्यु।
भरत का राम के पादुका को सिंहासन पर रखकर नंदीग्राम में रहना।
📖 प्रमुख संदेश: “सच्चा प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा ही मनुष्य को महान बनाती है।
- अरण्य काण्ड
राम, सीता और लक्ष्मण का वनवास जीवन।
शूर्पणखा का अपमान और रावण द्वारा सीता हरण।
📖 प्रमुख संदेश: “अहंकार और कामना मनुष्य का विनाश करती है।”
- किष्किंधा काण्ड
राम और हनुमान की मित्रता।
सुग्रीव-बालि संघर्ष और बालि वध।
📖 प्रमुख संदेश: “सच्ची मित्रता और सहयोग से ही कठिन कार्य सिद्ध होते हैं।”
- सुन्दर काण्ड
हनुमान जी का लंका प्रवेश और सीता से भेंट।
लंका दहन और राम को सीता का संदेश देना।
📖 Key Message: “भक्ति और कर्तव्यपरायणता ही सफलता का मूल मंत्र है।”
- लंका काण्ड (युद्ध काण्ड)
राम-रावण युद्ध, कुम्भकर्ण और मेघनाद का वध।
रावण की पराजय और सीता की अग्नि परीक्षा।
📖 Key Message: “अधर्म पर धर्म की हमेशा विजय होती ह।”
- उत्तर काण्ड
रामराज्य की स्थापना, सीता का धरती में समान।
राम का जल समाधि लेना और वैकुंठ गमन।
📖 Key Message: “सत्य, न्याय और प्रेम से ही आदर्श समाज की स्थापना होती है।”
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🌟 श्री रामचरितमानस का महत्व
- धार्मिक दृष्टि से: यह हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है, जिसे रोज पढ़ने से मन शुद्ध होता है।
- सामाजिक दृष्टि से: यह मर्यादा, न्याय और सदाचार का संदेश देता है।
- आध्यात्मिक दृष्टि से: इसमें भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का समन्वय है।
Ram Chale Ram Chale Vana Ko | राम चले राम चले वना को | Bhajan
📿 रामचरितमानस के प्रमुख उपदेश
- “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।”.
(रघुवंश की परंपरा रही है कि प्राण चले जाएँ, पर वचन नहीं टूटना चाहिए।)
“जो सुमिरत सिधि होत है, जो सुमिरत घटत दुख”.
(राम नाम का स्मरण करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।)
“बिनु हरि कृपा मिले नहिं संतो, कहि राम भरोस हियँ हन्तो।”
(भगवान की कृपा के बिना सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं होतै।)