Annavaram : अन् नवरम मंदिर भारत की सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थानों में से एक है। यह मंदिर श्री सत्यनारायण स्वामी को समर्पित है और आंध्र प्रदेश में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों में से एक है। हर साल हजारों लोग यहाँ आते हैं और सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं।

Annavaram मंदिर का इतिहास और कहानी
अन् नवरम मंदिर लगभग 1933 में बनाया गया था। मान्यता है कि इस स्थान पर एक ब्राह्मण ने भगवान सत्यनारायण को एक दिव्य स्वप्न में देखा था, जिसके बाद मंदिर की स्थापना की गई। इस मंदिर में भगवान की मूर्ति त्रिमूर्ति रूप में पूजी जाती है—
- शिवलिंग, सबसे ऊपर,
- मध्यभाग में भगवान विष्णु (सत्यनारायण स्वामी),
- निचले हिस्से में ब्रह्मा |
Ahobilam Temple अहोबिलम नौ नरसिंह मंदिरों का दिव्य संगम
मंदिर का निर्माण
अन् नवरम मंदिर दक्षिण भारतीय शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर रत्नगिरि पहाड़ी पर है। विग्रह मुख्य गर्भगृह में एक ऊँचे मंडप पर विराजमान है। मंदिर का प्रवेश द्वार या गोपुरम भव्य और आकर्षक है, जिस पर सुंदर चित्र और देवताओं की मूर्तियाँ हैं।
मंदिर परिसर में सीढ़ियों और रास्तों के बीच हरियाली का अद्भुत संगम है। भक्तों के लिए पूजास्थल, यज्ञशाला और दर्शन के लिए विशाल प्रांगण भी है।
स्थान और आगमन
- आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में अन्नवरम मंदिर है। यह मंदिर गोदावरी नदी के तट पर रत्नगिरि पहाड़ी पर है।
- बंगलुरु से अंतर: बंगलुरु से अनवरम मंदिर लगभग 650 किलोमीटर दूर है। रेल, बस और हवाई द्वारा यहाँ पहुँचना संभव है।
- मंदिर से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर अन् नवरम रेलवे स्टेशन है।
- राजामुंद्री एयरपोर्ट (72 किलोमीटर) और विशाखापट्टनम एयरपोर्ट (110 किलोमीटर) सबसे नजदीकी हवाई अड्डे हैं।
आसपास के दृश्य
- अन् नवरम के आसपास और भी कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थान हैं—
- गोदावरी नदी के किनारे यहाँ स्नान करना बहुत अच्छा माना जाता है।
- पैनुकोंडा और रत्नगिरि की पहाड़ियाँ—अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य।
- काकीनाडा और राजामुंद्री शहर—सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं।
अनुष्ठान और प्रार्थना
यहाँ विशेषतः सत्यनारायण व्रत और पूजा की जाती है। श्रद्धालु अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए यज्ञ और विशेष हवन करवाते हैं। विशेषकर कार्तिक मास और ब्रह्मोत्सव के अवसर पर, हर वर्ष लाखों भक्त यहाँ आते हैं।