Abhimanyu : महाभारत का युद्ध सिर्फ युद्ध नहीं था; यह धर्म, कर्म और पूर्व जन्म के संस्कारों की कहानी है। अभिमन्यु इस महायुद्ध में सबसे क्रूर और क्रूर चरित्रों में से एक हैं। अल्पायु में अपने अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करने वाले अभिमन्यु को महाभारत का महान योद्धा कहा जाता है। बहुत से पुराणों और ग्रंथों में उनके जीवन और पूर्व जन्म का रहस्य छिपाया गया है।

Abhimanyu का पूर्व जन्म: वर्चस्वा, चंद्रदेव का पुत्र
हरिवंश पुराण, भागवत पुराण (स्कंध 9), और विष्णु पुराण के अनुसार, अभिमन्यु का जन्म चंद्रदेव के पुत्र “वर्चस्वा” के रूप में हुआ था। देवताओं ने चंद्र देव से अनुरोध किया कि वह अपने पुत्र को धरती पर जन्म देकर अधर्म को दूर करने में मदद करे।
चंद्रदेव ने शर्त लगाई कि उनका पुत्र केवल 16 वर्षों तक धरती पर रहेगा। इसलिए भी अभिमन्यु की आयु सिर्फ 16 वर्ष थी। कृष्ण का पुत्र अभिमन्यु, अर्जुन और सुभद्रा का पुत्र, वर्चस्वा था।
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गर्भावस्था में चक्रव्यूह का रहस्य
महाभारत (आदि पर्व और द्रोण पर्व) में, अर्जुन ने सुभद्रा को गर्भवती होने पर चक्रव्यूह भेदन की कला सिखाई। गर्भ में स्थित अभिमन्यु ने यह जानकारी सुनी, लेकिन सुभद्रा सो गई, इसलिए चक्रव्यूह से बाहर निकलने का तरीका नहीं सुन सका।
यह घटना उनकी अनूठी बुद्धि और पूर्व जन्म के दिव्य संस्कारों को दर्शाती है।
कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु का साहसिक कार्य
- महाभारत का द्रोण पर्व अभिमन्यु की वीरता का सबसे व्यापक वर्णन है। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में अकेले चक्रव्यूह में प्रवेश कर कौरवों के कई महारथियों को हराया।
- महान योद्धा दुर्योधन, कर्ण, द्रोण और कृपाचार्य के साथ मिलकर भी अभिमन्यु को सीधी युद्ध नीति से पराजित नहीं कर सके। नियमों का उल्लंघन करके अंततः उन्हें घेरकर मार डाला गया।
किन ग्रंथों में अभिमन्यु का उल्लेख मिलता है?
- महाभारत के पर्वों में आदि पर्व, सभा पर्व, उद्याग पर्व और द्रोण पर्व शामिल हैं।
- भागवत पुराण, स्कंध 9
- शिव पुराण
- हरिवंश कथा
- पद्म पुराण (उपनिषद)
- स्कंद पुराण (वंश और युद्ध कथाओं का ग्रन्थ)
वेद मुख्यतः देवताओं, यज्ञों और ब्रह्म ज्ञान पर केंद्रित हैं, इसलिए उनमें अभिमन्यु की सीधी कथा नहीं है। किंतु वेदों में क्षत्रिय धर्म, वीरता और चंद्रदेव का उल्लेख अभिमन्यु की कहानी से जुड़ा हुआ है।


