Krishna Mantra हिंदी, कन्नड़ और अंग्रेज़ी में सभी महत्वपूर्ण श्रीकृष्ण मंत्र लिखें और उनका अर्थ भी बताएँ।

Shree Krishna Mantra |श्रीकृष्ण प्रार्थना मंत्र
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतः क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॥
ಕನ್ನಡ
ಕೃಷ್ಣಾಯ ವಾಸುದೇವಾಯ ಹರಯೇ ಪರಮಾತ್ಮನೇ ।
ಪ್ರಣತಃ ಕ್ಲೇಶ ನಾಶಾಯ ಗೋವಿಂದಾಯ ನಮೋ ನಮಃ ॥
English
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane |
Pranatah Klesha Nashaya Govindaya Namo Namah ||
हे वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण, हे परमात्मा हरि! आप ही वह परमेश्वर हैं जो अपने शरणागत भक्तों के सारे क्लेश और दुखों का नाश करते हैं। ऐसे दयालु गोविंद को बार-बार नमन है।
श्रीकृष्ण गायत्री मंत्र
ॐ वासುದेवाय विद्महे । बालकृष्णाय धीमहि ।
तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥
ಓಂ ವಾಸುದೇವಾಯ ವಿದ್ಯಮಹೇ । ಬಾಲಕೃಷ್ಣಾಯ ಧೀಮಹಿ ।
ತನ್ನೋ ಕೃಷ್ಣಃ ಪ್ರಚೋದಯಾತ್ ॥
Om Vasudevaya Vidmahe | Balakrishnaya Dhimahi |
Tanno Krishna Prachodayat ||
हम वासुदेव के स्वरूप का ध्यान करते हैं। हम बालकृष्ण का चिंतन करते हैं। वह श्रीकृष्ण हमारी बुद्धि को धर्ममार्ग पर प्रेरित करें।
श्रीकृष्ण शरण मंत्र
ॐ कृष्णाय शरणं मम ॥
ಓಂ ಕೃಷ್ಣಾಯ ಶರಣಂ ಮಮ ॥
Om Krishnaya Sharanam Mama ||
हे श्रीकृष्ण! आप ही मेरे शरणदाता हैं। मैं सम्पूर्णतः आपकी शरण में हूँ।
गोपाल मंत्र (Gopal Mantra)
:
ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे । वसुदेवाय धीमहि ।
तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥
ॐ ದೇವಕೀನಂದನಾಯ ವಿಧ್ಮಹೇ । ವಸುದೇವಾಯ ಧೀಮಹಿ ।
ತನ್ನೋ ಕೃಷ್ಣಃ ಪ್ರಚೋದಯಾತ् ॥
English
Om Devaki Nandanaya Vidmahe | Vasudevaya Dhimahi |
Tanno Krishna Prachodayat ||
हम देवकीनन्दन श्रीकृष्ण का ध्यान करते हैं। हम वसुदेव स्वरूप का चिंतन करते हैं। वह भगवान हमारी बुद्धि को प्रकाशमान करें।
कृष्ण बीज मंत्र
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः ॥
ॐ ಕ್ಲೀಂ ಕೃಷ್ಣಾಯ ನಮः ॥
Om Kleem Krishnaya Namah ||
हे श्रीकृष्ण! आपको बारंबार नमस्कार। ‘क्लीं’ बीजमंत्र प्रेम, आकर्षण और भक्ति का प्रतीक है। यह मन को शांति और भक्ति की ओर ले जाता है।
कृष्ण महामंत्र
हरे कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥
हरे ಕೃಷ್ಣ ಹरे ಕೃಷ್ಣ । ಕೃಷ್ಣ ಕೃಷ್ಣ हरे हरे ।
हरे ರಾಮ हरे ರಾಮ । ರಾಮ ರಾಮ हरे हरे ॥
Hare Krishna Hare Krishna | Krishna Krishna Hare Hare |
Hare Rama Hare Rama | Rama Rama Hare Hare ||
यह महामंत्र है। ‘हरे’ का अर्थ है भगवान की शक्ति (आदि शक्ति राधारानी)।
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम को पुकारता है। इसके जप से मन शुद्ध होता है, आत्मा को भक्ति मिलती है और जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति प्राप्त होती है।