Diwali 2025 दिवाली 2025 रोशनी और खुशियों का पर्व

Diwali 2025 : “रोशनी और खुशियों का पर्व” नामक एक ब्लॉग प्रस्तुत किया जाता है— जिसमें तारीखें, मुहूर्त और पाँच दिवसीय (दिन एक से दिन पांच) कहानियाँ सरल हिंदी में हैं।

Diwali 2025

Diwali 2025 रोशनी और खुशियों का पर्व की तारीख, समय और समय

  • लक्ष्मी पूजा (मुख्य दिवाली) 2025 में होगी: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को
    अमावस्या तिथि (अमावस्याः) शुरू होती है: 20 अक्टूबर को दोपहर 03:44 बजे  पर प्रसारण होगा।
  • समस्या का अंत: 21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे प्रोकेरल
  • लक्ष्मी पूजा का समय: Drik Panchang लगभग 03:44 PM से 04:07 PM (कुंभ लग्न)
  • प्रादोष काल (शाम का शुभ समय): 5:52 बजे से 8:00 बजे तक
  • आपके शहर (कौन-से शहर में हैं) के अनुसार कुछ समय में अंतर हो सकता है— स्थानीय तिथियों को देखना चाहिए।

Click here to Ram Ayenge to angna sajaungi Bhajan .

दिननामदिनांक (2025)सरल कहानी / महत्व
Day 1धनतेरस (Dhanteras)18 अक्टूबर, शनिवार इस दिन धन्वंतरि भगवान और माँ लक्ष्मी की पूजा होती है। माना जाता है कि इस दिन सोना, चाँदी, नए बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। (व्यापारियों के लिए यह नए साल की शुरुआत जैसा दिन है।)
Day 2नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली20 अक्टूबर, सोमवार इस दिन रात्रि में श्री कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध किया था — इसी कारण इसे दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। लोग सुहागिनी स्नान करते हैं और रात को दीपशिखा (दीप जलाना) रिवाज है।
Day 3लक्ष्मी पूजा / दिवाली (मुख्य दिन)20 अक्टूबर, सोमवार इस दिन रात में माँ लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है। घरों को दीपों से सजाया जाता है ताकि अंधकार दूर हो और समृद्धि अन्दर आए।
Day 4गोवर्धन पूजा / आनंदोत्सव (Annakut)22 अक्टूबर, बुधवार इस दिन भगवान कृष्ण ने गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था — इसे स्मरण करते हुए गोवर्धन पूजा की जाती है। भक्त बड़े भोग (Annakut) बनाते हैं।
Day 5भाई दूज (Bhai Dooj)23 अक्टूबर, गुरुवार इस दिन भाई और बहन का विशेष रिश्ता मनाया जाता है। बहनें भाई पर तिलक करती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई, बहन को उपहार देते हैं।

दिवाली का 5-दिन कार्यक्रम और हर दिन की कहानी

नीचे, दिवाली के पाँच प्रमुख दिवसों के नाम, तिथियाँ और उनकी पौराणिक / लोककथाएँ दी गई हैं। (आपने कहा था day-4 तक, पर मुख्य पारंपरिक रूप में 5 दिन मनाए जाते हैं: इसलिए मैं day-5 भी शामिल कर रहा हूँ।)

हर दिन की एक छोटी सी कहानी (मानव स्पर्श)

दिन 1— धनतेरस
सुबह-सुबह घर की सफाई और सजावट की जिम्मेदारी होती है। माता-पिता नई धातु या बर्तन खरीदते हैं। शाम को लक्ष्मी या धन्वंतरि की पूजा होती है। दिल में उम्मीद है कि इस वर्ष धन और सौभाग्य बरसें।”

दो दिन: नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली भी कहलाती है):
सुबह स्नान करके नए कपड़े पहनिए। घर के हर कोने में दीप जलाते हैं। रात में लोग पटाखे जलाते हैं ताकि वे पिछली गलतियों को भूल सकें। ऐसा लगता है कि अँधेरा दूर हो जाएगा और उजाला वापस आ जाएगा।

3. दिन: लक्ष्मी पूजा या दिवाली:
आज सबसे महत्वपूर्ण दिन है। शाम को पूरा परिवार मिलता है। गणेश जी और माँ लक्ष्मी को पूजा जाती है। फूल, चावल, अगरबत्ती, दीपों की रोशनी और हर जगह उत्सव है। लोग मिठाइयाँ बाँटते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और खुश होते हैं।

4. दिन: गोवर्धन उत्सव:
घर में सुबह से ही गोवर्धन की पूजा की तैयारी होती है। गोकुलवासियों की तरह बड़ी मात्रा में खाना पकाया जाता है। घरों और मंदिरों में भोग लगता है। यह दिन प्रकृति, भक्ति और एकजुट पूजा का संदेश देता है।

5. दिन: भाई दूज:
बहनें सुबह पूजा करती हैं, फिर भाई को तिलक लगाती हैं और उसे सुख-शांति की कामना करती हैं। भाई बहन को आशीर्वाद देते हैं और भाई को उपहार देते हैं। रिश्ते आज सबसे भावुक हैं।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top