Dasara 2025 : भारत त्योहारों का देश है, और हर पर्व आध्यात्मिकता, संस्कृति और उत्साह के साथ आता है। विजयादशमी या दशहरा, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दसवें दिन यह पर्व मनाया जाता है।

Dasara 2025
दशहरा कब होता है?
दशहरा प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में दशहरा 2 अक्टूबर को होगा। इस दिन माता दुर्गा ने महिषासुर को मार डाला था और राम ने रावण को मार डाला था।
दशहरे की रोशनी
दशहरा, नवरात्रि से जुड़ा हुआ, हर दिन अलग-अलग रंगों से सजाया जाता है। भक्त नौ दिनों तक देवी को अलग-अलग रंगों के कपड़े पहनकर पूजते हैं।
- पहले दिन— पिला
- दूसरा दिन: पराजय
- दूसरा दिन— ब्लैक
- चौथी तारीख: नारंगी
- पाँचवा दिन— श्वेत
- छठा दिन: लाल रंग
- सातवां दिन: ब्लैक
- आठवां दिन—गुलाबी रंग का
- नौवें दिन: बैंगनी
इन रंगों का अर्थ है— यह साहस, शांति, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं। दशहरे के दिन लाल और पीला रंग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
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दशहरे का इतिहास
राम-रावण कहानी— रामायण के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण को मार डाला और माता सीता को बचाया। इसलिए विजयादशमी कहा जाता है।
मां दुर्गा की विजय: इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस को मार डाला। उनकी विजय नवरात्रि के नौ दिनों की साधना के बाद दसवें दिन मनाई जाती है।
- उत्तर भारत में दशहरे की झलक
दशहरे पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार में रामलीला होती है। विभिन्न स्थानों पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाए जाते हैं, जो शाम को जलाए जाते हैं। लोग खुशी से पटाखे फोड़कर और झांकी निकालकर उत्सव मनाते हैं।
- उत्तरी बंगाल
दशहरे को यहाँ दुर्गा विसर्जन की तरह मनाया जाता है। विजयादशमी के दिन देवी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है और दुर्गा पूजा के भव्य पंडाल सजाए जाते हैं। महिलाएँ एक-दूसरे को मिठाई खिलाती हैं और “सिंदूर खेला” करती हैं।
- महाराष्ट्र प्रदेश
इस दिन लोग समृद्धि का प्रतीक सोने के पत्ते (आपटा के पत्ते) दे |
- दक्षिण भारत
मैसूर दशहरा कर्नाटक में बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ पूरा शहर रोशनी से सजाया जाता है और मैसूर महल में बड़ा जुलूस निकाला जाता है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में गोलू की परंपरा है।
- गुजरात में
दशहरे से पहले पूरे नौ दिन यहाँ गरबा और डांडिया का उत्सव होता है। दशहरे पर हथियारों की पूजा की जाती है।
दशहरे के हर दिन की खासियत
- दशहरा एकमात्र दिन का उत्सव नहीं है; यह नवरात्रि के पूरे नौ दिनों से जुड़ा है।
- देवी दुर्गा का एक रूप हर दिन पूजा जाता है।
- उपवास करके लोग आरती करते हैं।
- दशमी को विजय दिवस मनाया जाता है।
- दशहरा सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भी बताता है कि
- अन्याय, अहंकार और लालच का अंत निश्चित है।
- सत्य और धर्म की जीत हमेशा होती है।
- हम अपनी बुराइयों को दूर करके अच्छे को अपनाना चाहिए।
- दशहरा कैसे मनाएँ?
- सुबह स्नान करने के बाद माता दुर्गा और भगवान राम की पूजा करें।
- घर में दीपक जलाएँ और लोगों को मिठाई दें।
- बच्चों को रामायण सुनाएँ।
- पास में रावण दहन करने का आनंद लें।