श्रावण मास पूजा विधि एवं महत्व (2025)

उत्तर भारतीय (पूर्णिमांत) समय पर श्रावण मास 2025 शुरू होता है:

  • 11 जुलाई 2025 को शुक्रवार होगा
  • दक्षिण भारत (अमावस्यांत) की शुरुआत: 26 जुलाई 2025 का दिन
  • अंत: रविवार, 10 अगस्त 2025

श्रावण मास पूजा सामग्री:

  • शिवलिंग या शिव की मूर्ति
  • बिल्व पत्र, धतूरा, फूल, अक्षत
  • दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल (पंचामृत)
  • रुद्राक्ष की माला

धूप, दीप, नैवेद्यहिंदू धर्म में सावन, या श्रावण मास, बहुत पवित्र है। इस महीने भगवान शिव और माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। सोमवार (श्रावण सोमवार) और शुक्रवार (शुक्रवार व्रत) इस समय बहुत महत्वपूर्ण हैं।

श्रावण मास

उत्तर भारतीय (पूर्णिमांत) समय पर श्रावण मास 2025 शुरू होता है:

  • 11 जुलाई 2025 को शुक्रवार होगा
  • दक्षिण भारत (अमावस्यांत) की शुरुआत: 26 जुलाई 2025 का दिन
  • अंत: रविवार, 10 अगस्त 2025

2025 में उत्तर भारत में श्रावण सोमवार तिथियाँ:

  • 14 जुलाई 2025 को पहला सोमवार होगा
  • 21 जुलाई 2025 को दूसरा सोमवार होगा
  • 28 जुलाई 2025 को, यानी तीसरा सोमवार,
  • 4 अगस्त, 2025 को चौथा सोमवार होगा
  • 2025 में दक्षिण भारत में श्रावण सोमवार तिथियाँ:
  • 28 जुलाई 2025 को
  • 4 अगस्त 2025 का दिन

श्रावण शुक्रवार व्रत एवं माता लक्ष्मी की पूजा

  • सुबह स्नान करें और पीले कपड़े पहनें।
  • लक्ष्मी जी को फूल और कुमकुम दें।
  • “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र बोलें।
  • घी का दीपक जलाकर आरती करो।
  • कन्याओं को खाना देकर दान करें।
दक्षिण भारत में 2025 में श्रावण शुक्रवार की तिथियाँ:
  • 11 जुलाई 2025, पहला शुक्रवार है जब श्रावण शुरू होगा।
  • 18 जुलाई 2025, दूसरा शुक्रवार
  • 25 जुलाई 2025, यानी तीसरा शुक्रवार
  • 1 अगस्त 2025 को चौथा शुक्रवार होगा
  • 8 अगस्त 2025, यानी पाँचवां शुक्रवार

कृष्ण जन्माष्टमी 2025

दक्षिण भारत में 2025 में श्रावण शुक्रवार की तिथियाँ:

1 अगस्त 2025 का दिन
8 अगस्त 2025 का दिन
श्रावण महीने में महामृत्युंजय मंत्र और शिव मंत्र का महत्व: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।” उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्युर्मुक्षीय मामृतात्॥”
रुद्राष्टकम् और शिव चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

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