Ram Navami 2025 राम नवमी 2025: भगवान राम के जन्मदिन |
Ram Navami 2025 भारत में राम नवमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस लेख में हम राम नवमी 2025 के महत्व और इसकी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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भगवान राम का जन्म और उनके भाइयों की कहानी
त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियाँ थीं: कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। राजा दशरथ के संतान न होने के कारण उन्हें चिंता सताती थी। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने महर्षि वशिष्ठ की सलाह से पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया।
भगवान राम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था, जब रानी कौशल्या ने उन्हें जन्म दिया। उन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। उनकी त्वचा का रंग नीला था, और वे सुंदरता और तेजिश दोनों से परिपूर्ण थे।
रानी सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न, दो पुत्रों को जन्म दिया। जबकि शत्रुघ्न भरत के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते थे, लक्ष्मण का भगवान राम के प्रति गहरा श्रद्धा और सेवा भाव था।
रानी कैकेयी ने भरत को जन्म दिया, जो न्याय और धर्म के प्रति पूरी तरह समर्पित थे।
राजा दशरथ के चार पुत्र हुए, जिनमें भगवान राम सबसे बड़े और महान माने जाते हैं।
राम नवमी 2025: जन्म तिथि और मुहूर्त
- चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 5 अप्रैल 2025, शनिवार को सायं 7:26 बजे शुरू होगी और 6 अप्रैल 2025, रविवार को सायं 7:22 बजे तक समाप्त होगी।
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राम नवमी के रीति-रिवाज (अनुष्ठान)
- उपवास और व्रत: इस दिन लोग आमतौर पर उपवास और व्रत रखते हैं, जबकि कुछ लोग निर्जला व्रत या फलाहार का पालन करते हैं।
- और पूजा: पूजा के दौरान घरों और मंदिरों में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की विशेष आराधना की जाती है। रामचरितमानस और भजन-कीर्तन गाए जाते हैं।
- का जन्मस्थल: भगवान राम के बाल रूप की खूबसूरत तस्वीरें कई स्थानों पर देखी जा सकती हैं।
- चैत्र नवरात्रि के दौरान, घरों में कलश स्थापित किए जाते हैं, जो राम नवमी के दिन विसर्जित किए जाते हैं।
- कन्या उत्सव: यह दिन विशेष है क्योंकि नवरात्रि के नौ दिनों में कन्याओं का पूजा अर्चना की जाती है। इसके अलावा, दान देना भी इस दिन की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
- : इस दिन भी दान देना शुभ है। लोग अपनी श्रद्धानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं।
- लोग अपनी श्रद्धा अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं।
- भगवान राम के जीवन की कथा का मंचन, जिसे रामलीला कहते हैं, विभिन्न स्थानों पर किया जाता है। अयोध्या, जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था, इस दिन भव्य समारोह का आयोजन करता है। लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं और सरयू नदी में स्नान करते हैं।